यह दुखद और चिंताजनक है कि एक छात्रा ने JEE परीक्षा के नतीजे से पहले ही आत्महत्या कर ली. उसने अपने माता-पिता के लिए एक नोट छोड़ा जिसमें उसने खुद को “हारने वाला” बताया. उसने लिखा, “मम्मी, पापा मैं JEE नहीं कर सकता। इसलिए मैं आत्महत्या कर रही हूं।.
यह दूसरी आत्महत्या थी जो कोटा में एक सप्ताह के भीतर हुई. इससे पहले, एक छात्र ने जो NEET की तैयारी कर रहा था, उसने भी आत्महत्या की. उसका नाम मोहम्मद जैद था और वह उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले से था.
यह घटनाएं हमें याद दिलाती हैं कि कितना महत्वपूर्ण है कि हम छात्रों को सही मार्गदर्शन और मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान करें. यह भी दिखाता है कि हमें छात्रों को यह समझाने की जरूरत है कि परीक्षा का परिणाम उनकी क्षमता का पूरा प्रतिबिंब नहीं होता है और विफलता से सीखने का अवसर मिलता है.
यदि आप या कोई जानकार आत्महत्या के विचार कर रहे हैं, तो कृपया तुरंत सहायता के लिए संपर्क करें. भारत में विभिन्न राज्यों में आत्महत्या रोकथाम और मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध हैं.